उत्तराखंड सहित उत्तर भारत के अन्य कई राज्यों में बिजली की खरीद के चलते मारामारी होने लगी है और यही कारण है की राष्ट्रीय बाजार में बिजली के दाम आसमान को छूने की स्थिति में आ गए हैं। प्रतिदिन लगभग 5 से 8 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है।
रोजाना बिजली की खरीद से ऊर्जा निगम पर लगभग आठ करोड़ रुपये तक का भारी बोझ बढ़ रहा है क्योंकि महंगी बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को कम दरों पर उपलब्ध कराने से प्रदेश सरकार को करोड़ों का नुक्सान हो रहा है। उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ है की इस मई माह में बिजली की खपत रिकार्ड स्तर पर बनी हुई है और दैनिक बिजली खपत 56 MU से भी अधिक पहुंची है।