प्रदेशभर में मुख्य रूप से जलस्रोत और भू-जल के माध्यम से उपभोक्ताओं की पानी की सप्लाई दी जाती है, लेकिन इस वर्ष भीषण गर्मी, वनाग्नि और ठंड के मौसम में बारिश न होने के चलते उत्तराखंड के जलस्रोत अब सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं।
राज्य के लगभग 47 जलस्रोतों में इस वर्ष 75% से ज्यादा पानी घटा है और करीब 189 जलस्रोत ऐसे भी हैं जिसमें केवल 50 प्रतिशत ही पानी बचा है। इन सभी स्रोतों के जरिये ही राज्यभर में 430 प्रकार की पेयजल योजनाएं संचालित हैं किन्तु अब जलस्रोत सूखने से अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल संकट का खतरा मंडराने लगा है।